हृदय की धड़कन स्नेह का सङ्गीत


मेरे मन में तुम ही रहो

यह इच्छा है कि तुम्हें भी मेरे सपनों का थी। हर रात को मैं तुझे देखता हूँ, और यह जानकर मुझे {आनंद हर्ष होता है। तुम ही मेरी प्राण हो, और तुम�

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